मधुर मिलन
डा. वाराणसी रामब्रह्मम
जब हमने चाहा
चाँद सदा हमारे पास रहे
तब आयी तू चमकती चलके
जब हम ने चांदनी का शीतल स्पर्श चाहा
तब मुस्कराई तू
जब हम चाहते थे
कोयल की मधुर आवाज
तब हम ने सुनी
तुम्हारी मीठी मीठी बातें
जब हम ने भगवान से प्रार्थना की
हमें हमेशा आनंद मिले
तब हुआ हमारे दो दिलों का
मधुर मिलन
डा. वाराणसी रामब्रह्मम
जब हमने चाहा
चाँद सदा हमारे पास रहे
तब आयी तू चमकती चलके
जब हम ने चांदनी का शीतल स्पर्श चाहा
तब मुस्कराई तू
जब हम चाहते थे
कोयल की मधुर आवाज
तब हम ने सुनी
तुम्हारी मीठी मीठी बातें
जब हम ने भगवान से प्रार्थना की
हमें हमेशा आनंद मिले
तब हुआ हमारे दो दिलों का
मधुर मिलन
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